नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर जारी राजनीतिक घमासान के बीच मंगलवार को संसद में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश कर दी गई। कांग्रेस इसकी जांच संयुक्त जांच समिति (जेपीसी) से कराने पर अड़ी हुई है। राफेल पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
वहीँ सुप्रीम कोर्ट के बाद कैग ने भी राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को क्लीन चीट दे दी है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले 18 राफेल विमानों का डिलीवरी शेड्यूल उस शेड्यूल से 5 महीने बेहतर है, जो 126 विमानों के लिए किए गए सौदे में प्रस्तावित था। कैग की रिपोर्ट पर अरुण जेटली ने कहा, ‘महाझूठबंधन का झूठ बेनकाब हो गया और सत्य की जीत हुई।’
राज्यसभा में पेश की गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘126 विमानों के लिए किए गए सौदे की तुलना में भारत ने भारतीय जरूरत के अनुसार करवाए गए परिवर्तनों के साथ 36 राफेल विमानों के सौदे में 17.08 फीसदी रकम बचाई है। भारतीय वायुसेना में कैपिटल एक्विजिशन्स पर कैग की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश कर दी गई है। इसी रिपोर्ट में राफेल सौदे का विवरण भी शामिल है।