नई दिल्ली : जिस कैग की रिपोर्ट ने केंद्र की यूपीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने में अहम् भूमिका निभाई थी, अब उसी कैग की रिपोर्ट ने मोदी सरकार की नींद हराम कर दी है। जी हाँ, कैग के द्वारा पेश की गयी हालिया रिपोर्ट ने मोदी सरकार के मंत्रालयों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और सरकार के द्वारा किये जा रहे ईमानदारी के दावों की पोल खोल दी है।
दरअसल कैग ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें अनुसार पिछले सालों में सरकार के मंत्रालयों में 1179 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमित्ताएं मिली हैं । संसद में कैग की पेश हुई रिपोर्ट के अनुसार यह अनियमित्ताएं मार्च 2017 तक के दस्तावेजों की पड़ताल के बाद सामने आई हैं ।
सबसे ज्यादा अनियमित्ता मानव संसाधन विकास मंत्रालय में मिली हैं । इसके बाद विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समेत 19 मंत्रालयों में यह घपले मिले हैं । कैग ने 46 मंत्रालयों की ऑडिट की जिनमें से 19 मंत्रालयों में कुल 78 मामले पकड़ में आए ।
वहीं मंत्रालयों का सकल खर्च एक साल में 38 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है । जहां यह खर्च 2015-16 में 5334 करोड़ रुपए था, वहीं यह 2016-17 में बढ़कर 7362 करोड़ रुपए हो गया । यह पूरी विस्तृत रिपोर्ट संसद में पेश की गई है ।