लोकपति सिंह की रिपोर्ट
सैदूपुर चन्दौली मनुष्य के जीवन में श्रद्धा व विश्वास सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। जिसे मानव अपने जीवन में आत्मसात कर ले तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। बड़ों के प्रति श्रद्धा और छोटों के प्रति विश्वास करना ही जीवन का मूल मंत्र है। उक्त बातें खरौझा गांव स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रांगण में श्री मानस प्रेम यज्ञ समिति द्वारा आयोजित श्री रामकथा के प्रथम निशा पर कथावाचक निरजानंद शास्त्री ने व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि रामकथा सरोवर है। सरोवर दो प्रकार के है।एक अध्यात्मिक सरोवर दूसरा भौगोलिक सरोवर अध्यात्मिक सरोवर में प्रभु श्री राम का रसपान मिलता है ।जिसमें मन मस्तिष्क को शांति मिलती है।जबकि भौगोलिक सरोवर हिमालय स्थित मानसरोवर में मिलता है। आध्यात्मिक सरोवर रामचरितमानस में समाहित है उस राम की वर्णन स्वरूपी सरोवर में स्नान कर मानव धन्य हो जाता है ।भौगोलिक सरोवर में तीन चीजें मिलती पहाड़ ,जंगल, नदियां जबकि आध्यात्मिक सरोवर में यह सभी समाहित है। कहते हैं कि मनुष्य अध्यात्मिक नदी में डुबकी लगाकर भवसागर को पार लगा सकता है। कथा का शुभारंभ समाजसेवी रणजीत प्रसाद जायसवाल व ग्राम प्रधान नूरुल होदा अंसारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कथा में विश्वनाथ दूबे, जयप्रकाश शर्मा, राजेश सिंह ,अरुण कुमार श्रीवास्तव, तुलसी प्रसाद जायसवाल, जयप्रकाश जायसवाल, त्रिवेणी दूबे आदि उपस्थित रहे।