गोपीनाथ चौबे की रिपोर्ट
चिलकहर (बलिया) वैसे तो आज पुरे देश मे भगवान् शिव के मंदिरो पर सुबह से ही भक्तजनो का अपार जन समुदाय हर हर महादेव के नारो से वातावरण को गुंजायमान कर दर्शन पूजन करने के लगा रहा जिससे पुरा वातावरण शिवमय हो गया।ग्राम गोपालपुर मे भगवान् शिव के छोटे बडे आठ दस मंदिर है, जिसमे विशेष कर दो शिव मंदिरो विशेष प्रसिद्ध है, बरमेश्वरनाथ शिव मंदिर और जनेश्वरनाथ शिव जहां सुबह से ही भक्त जनो का पूजन अर्चन के लिये ताॅता लगा रहा जिसका सिलसिला अनवरत दिन दोपहर बारह बजे तक लगा रहा।
ग्राम गोपालपुर गांव के बीचोंबीच मे स्थित बरमेश्वरनाथ शिव मंदिर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्व नाथ चौबे के द्वार पर स्थित है उस मंदिर पर स्व० विश्व नाथ चौबे के पुत्र अशोक कुमार चौबे- पूर्व विशेष सचिव विधानसभा उप्र ने ॐ नमः शिवाय का अखण्ड जप हवन पूजन करा एक बृहद भण्डारा का आयोजन किया जिसके देख रेख मंदिर के पुजारी विनय कुमार तिवारी, डा0 ब्रज भुषण चौबे ग्राम प्रधान, घनश्याम चौबे,कृष्ण मोहन चौबे,राम नारायण चौबे, रमायण चौबे आदि लोग पुरे मनो योग से भक्तजनो को प्रसाद खिलाने मे लगे रहे ।चौदहवीं सदी मे निर्मित जलेश्वर नाथ शिव मंदिर जो मूल गांव के उत्तरी छोर पर स्थित है। पर मंदिर प्रबंधन कमेटी ने जहां मंदिर पर श्री राम चरित मानस का अखंड पाठ भण्डारा का आयोजन किया वही शिव उपासिका शशि कुमारी पत्नी धनंजय चौबे ने पूरे दिन शिव का रुद्राभिषेक करने ने लगी रही।बरमेश्वरनाथ मंदिर की महिमा अपरमपार है जिसके प्रति ग्रामीण जन बहुत आस्था है वही जलेश्वरनाथ शिव मंदिर के निर्माण के संबंध मे कहा जाता है कि स्थानीय बनिया परिवार के घाना प्रसाद गुप्ता द्वारा एक पोखरा का निर्माण कराया गया जिसे आज भी घाना का पोखरा नाम से पुकारा जाता है ।उन्ही के ही परिवार के मथुरा प्रसाद गुप्ता एक दिन जमीन से बालू कंकड निकलवा रहे थे उसी समय मजदूरो द्वारा मिट्टी खुदाई एक शिवलिंग निकला, मथुरा प्रसाद ने उस शिव लिंग को बगल मे प्रस्थापित करा एक भव्य मंदिर एवं दर्शनाथियो के स्नान के लिए एक पोखरा का निर्माण कराया, मंदिर को लोग पंच मंदिर के नाम से तो पोखरा को बलुहा पोखरा के नाम से पुकारते है ।
जलेश्वरनाथ मंदिर बहुत पुराना होने के कारण मंदिर के चारों कोणो मे स्थित छोटे छोटे मंदिर मे जीर्ण-शीर्ण मुर्तियो को हटा कर मंदिर प्रबंधन कमेटी ने वर्तमान समय मे गणेश, दुर्गा, विष्णु और राधा कृष्ण की प्रतिमा प्रस्थापित कराया है वही मंदिर का रंग लोशन,जीर्णोद्धार करा भव्य रूप दिया। आयोजित कार्यक्रम मे विशेष रूप से मंदिर निर्माण कर्ता के परिवार से संबंधित प्रदीप कुमार गुप्ता के देखरेख मे मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश पाण्डेय, कृष्ण कुमार चतुर्वेदी, सदानंद चौबे, युवा समाजसेवी उपेन्द्र कुमार चौबे, युवा नेता विन्देश्वरी पाण्डेय, धनंजय चौबे, दया शंकर चौबे आदि लोग लगे रहे।