35ए पर गरमाई देश की सियासत, महबूबा के तीखे बयान से मचा राजनीतिक घमासान

नई दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद अब देश भर में कश्मीर में लगे धारा 35ए को लेकर उबाल देखने को मिल रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर से 35ए को खत्म करने की कवायद की ख़बरों के बीच देश की सियासत में घमासान मचता नज़र आ रहा है। वहीँ 35ए को लेकर जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ता ने तीखा बयाना दिया है, जिससे राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

आग से न खेलें, 35ए से छेड़छाड़ न करें। अगर ऐसा हुआ तो वो देखेंगे जो 1947 से अब तक नहीं हुआ। अगर इस पर हमला किया जाता है तो मैं नहीं जानती कि जम्मू कश्मीर के लोग कौन सा झंडा पकड़ने को मजबूर हो जाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए से किसी तरह की छेड़छाड़ की गई तो जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाने वाली संधि अमान्य हो जाएगी। महबूबा ने आगाह किया कि यदि विशेष प्रावधान को रद्द किया जाता है तो हालात बिगड़ने के लिए कश्मीरियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच संवैधानिक संपर्क है। इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन (जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाने वाला दस्तावेज) अनुच्छेद 370 पर निर्भर करता है, जो अनुच्छेद 35 ए से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। इसमें किसी छेड़छाड़ से ट्रीटी ऑफ एक्सेशन (जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाने के लिए की गई संधि) अमान्य हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि घाटी में अनुच्छेद 35 ए को लेकर तरह-तरह की अटकलों का बाजार गर्म है। कोई भी फैसला करने से पहले केंद्र सरकार को इस बात पर निश्चित तौर पर विचार करना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य है जिसने विभाजन के दौरान पाकिस्तान की बजाय धर्मनिरपेक्ष भारत के साथ जाने का रास्ता चुना। कहा कि आक्रोशित होकर बोलने वाले और इसे रद करने की मांग करने वालों को जल्दबाजी में लिए गए फैसले के बाद की घटनाओं के लिए कश्मीरियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

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