नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर सरकार और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच जारी घमासान काम होने का अनामा नहीं ले रही है। एक तरफ जहाँ राहुल गाँधी ने इस डील को घोटाला बताते हुए जांच की मांग की है, वहीँ दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस सौदे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के बयान का खंडन किया है।
दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस सौदे पर इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि रिलायंस को चुनने का निर्णय उनका था और वह कंपनी में निवेश नहीं कर रहे हैं। सीईओ के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि घोटाले को दबाया नहीं जा सकता। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दसॉल्ट के सीईओ के बयान पर काफी सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे निर्मित झूठ और गढ़ा हुआ इंटरव्यू करार दिया है।
वहीँ ट्रैपियर ने इस सौदे पर दिए गए इंटरव्यू के बाद राहुल गाँधी ने पलटवार करते हुए कहा है कि सरकार ने कांट्रैक्ट बदलकर पैसे अंबानी की जेब में डाले हैं। अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट में मोदीजी ने मानी अपनी चोरी। हलफनामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कांट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपये अंबानी की जेब में डाला। पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।