नई दिल्ली : कर्णाटक में कांग्रेस-जेडीएस के गठबन्धन वाली सरकार पर खतरों के बादल मंडराते नज़र आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी यहाँ सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी, लेकिन अब यहाँ सत्ता के समीकरण बदलते नज़र आ रहे हैं। कर्णाटक में कांग्रेस-जेडीएस के गठबन्धन वाली सरकार से दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिनमें से एक ने बीजेपी के समर्थन का एलान किया है।
एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि वे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को दिया अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस ले रहे हैं। मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए इन विधायकों ने राज्यपाल से आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगा रही हैं।
वहीँ मध्य-प्रदेश में भी कांग्रेस सरकार पर बीजेपी की रणनीति भारी पड़ रही है। भाजपा के दो दिग्गज नेता खुले आम कमलनाथ सरकार को गिराने की चेतावनी दे रहे हैं। भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी कह रहे हैं कि जब तक मंत्रियों के बंगले पुतेंगे कांग्रेस सरकार गिर जाएगी। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था बस हाईकमान को छींक आ जाएं, बॉस का इशारा हो जाए, कमलनाथ सरकार पांच दिन में गिरा देंगे।