शिमला में आयोजित 63 वें अखिल भारतीय नाट्य और डांस का आयोजन संपन्न, कलाकारों का जमावड़ा

नई दिल्ली (द्वारकेश बर्मन) : शिमला में 63 वें अखिल भारतीय नाट्य और डांस का आयोजन संपन्न हो गया। इस अवसर पर रूपहले पर्दे के काल्पनिक ‘तिवारी जी’ असली ‘भाभी जी ‘का शुक्रिया अदा करते दिखे। जी हाँ, कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद आयोजक रोहिताश्व गौड़ भावुक हो गये और आयेजन के अंतिम पलों में नम आखों से बोले ‘मुझे इस आयोजन को करवा कर आत्मसुख मिलता है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं अपने पिताश्री द्वारा शुरू किये गये अखिल भारतीय नाट्य और डांस के इस कार्यक्रम के आयोजन को सकुशल रुप से चला पा रहा हूं। यह मेरे पिता के स्नेह एवं आशिर्वाद के बिना संभव ही नही। साथ ही में अपनी अर्धांगनी रेखा गौड़ का भी अभारी हूं। बिना उनकी सहायता के यह सब संभव करना नही हो पाता।

कार्यक्रम की आयोजिका और व्यवस्थापिका के साथ साथ मशहूर कलाकार रोहिताश्व गौड़, जो इन दिनो ‘भाभी जी घर पर हैं’ में अपनी अदायकी से लोहा मानवा रहे हैं, की धर्मपत्नी रेखा गौड़ ने कार्यक्रम की समाप्ती के दौरान अपने संबोधन में कहा कि मुझे इस आयोजन का दायित्व सौंपने के लिये रोहिताश्व गौड़ जी का कोटि-कोटि धन्यवाद। साथ ही वह बोलीं कि हमारी सफलता का श्रेय हमारी पूरी टीम को जाता है, क्यूंकी उनकी लगन, निष्ठां एवं कर्मठता के बिना इस 63 वें अखिल भारतीय नाट्य और डांस के आयोजन को सफल बनाना असंभव ही प्रतीत होता है।

शिमला में आयोजित ऑल इंडिया नाट्य एवं नृत्य प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ, गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ , उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गोवा, मध्य-प्रदेश, हैदराबाद, कर्नाटक, ओडीसा, दिल्ली, तेलंगाना, असम, उत्तराखण्ड व तामिलनाडू आदि अनेकानेक राज्यों से कलाकार शामिल हुये। विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों को शिमला में एक मंच पर देख एसा प्रतीत हो रहा था, मानो देश के सभी राज्यों की नदियों का विल्य एक विशालकाय समुद्र में हो रहा हो।

ए.आई.ए.ए द्वारा हिमाचल की राजधानी शिमला के कालीबाड़ी सभागार में आयोजित 63 वें अखिल भारतीय नाट्य और नृत्य प्रतियोगिता के पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक ‘दिव्यांग’ कलाकारों ने भी खूब धमाल मचाया। यहां जब जब दिव्यांग कलाकार मंच पर अपनी प्रस्तुतियां देने आये तो दर्शकों ने उनका अभिवादन तालियों की पुरजोर करतल गाड़गड़ाहट और सीटियों की मधुर ध्वनि से किया। बैसाखी व व्हील चेयर का सहारा लिये कलाकारों ने अन्य सामान्य प्रतिभागियों को कडी टक्कर देते हुए दर्शकों व निर्णायक मंडल में बैठे हुए वारिष्ठजनों को दांतों तले उंगलिया दबाने पर मजबूर कर दिया।

हिमांचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक बार फिर से कलाकारों का महा जमावड़ा लगा। आल इंडिया आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के तत्वाधान में 63 वें अखिल भारतीय नाट्य और डांस का आयोजन शिमला के काली बाड़ी एवम गेटी थिएटर में सम्पन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि ए.आई.ए.ए की स्थापना 1954 में सुविख्यात लेखक ,रंगकर्मी स्वर्गीय सुदर्शन गौड़ ने की थी। उनका उद्देश्य था कि अमेचर रंगकर्मियों को ऐसा मंच उपलब्ध कराना जहाँ कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रर्दशन व्यापक रूप से कर सके।

इस संगठन में फिल्मी हस्तियों – बलराज साहनी , के0एन0सिंह , प्राण , मदन पूरी, ए0एन0अंसारी, ए0के0हंगल और भी अनेको हस्तियों ने भरपूर योगदान दिया। 63 वर्षो से ये वार्षिक प्रतियोगिता अनवर्त चली आ रही है। सन 2016 में सुदर्शन गौड़ के देहावसान के बाद इस संगठन की बागडोर उनके होनहार सुपुत्र रोहिताश्व गौड़ जो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक एवम फ़िल्म तथा टी0वी0के सुप्रसिद्ध स्टार व रेखा गौड़, सुदर्शन गौड़ की पुत्रवधू के हाथ में आई। अत्यन्त व्यस्त होने के बाद भी रोहिताश्व इस संस्था को बहुत निष्ठा और अथक रूपः से चला रहे हैं।

6 जून से 10 जून तक देश के 12 राज्यो से डांस की 249 एंट्रीज दर्ज हुई तथा नाटक की लगभग 37 एंट्रीज दर्ज की गई। नृत्य के निर्णायक मंडल में मशहूर डांस गुरु तमन्ना नायर थी, वही नाटकों के लिए रोहिताश्व गौड़ स्वंय निर्णायक थे। गत वर्षों के रिकॉर्ड्स को 63वी प्रतियोगिता ने पीछे छोड़ दिया, क्योंकि भारत मे ऐसी प्रतियोगिता आयोजित करने हेतु ए.आई.ए.ए एक अग्रणीय संस्था है, जहाँ प्रस्तुतियों का निष्पक्ष निर्णय होता है, जो अपने आप मे इस संस्था का गुण है ।

10 जून को काली बाड़ी के हाल में अवार्ड्स समारोह 5 बजे प्रारम्भ हुआ और रात्रि 11 बजे तक चला। संस्था के अध्यक् रोहताश्व गौड़ ने वोट ऑफ थैंक में कहा कि शिमला में पानी के संकट होने के बाद भी लगभग 430 नाट्य व नृत्य कलाकार भाग लेने शिमला पधारे ये संस्था का प्रत्यक्ष उदाहरण है। ए.आई.ए.ए की महासचिव रेखा गौड़ ने कहा कि आप जैसे कलाकारो की प्रशंसा केवल ये संस्था ही नही बल्कि सम्पूर्ण देश करता है और एक पहचान प्रदान करता है।

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