पुलवामा हमले के खिलाफ बड़ी कार्यवाही के संकेत, अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के खिलाफ भारत की तरफ से लगाए गए तमाम प्रतिबंधों ने पाकिस्तान की कमर पहले से हीं तोड़ रखी है, वहीँ अब भारत की तरफ पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्यवाही के संकेत मिल रहे हैं। कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात गई है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ किसी बड़ी कार्यवाही के मूड में है।

अर्धसैनिक बलों की इतनी कंपनियां कश्मीर में भेजने की पहली वजह खुफिया एजेंसियों से मिले अलर्ट हैं, जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। रोजाना भयावह अलर्ट मिल रहे हैं। सुरक्षा बलों के कैंप पर फिदायीन अटैक, आईईडी ब्लास्ट और घात लगाकर हमला करना, ऐसी सूचनाएं लगातार आ रही हैं।

सुरक्षा बलों के सूत्र बताते हैं कि पुलवामा हमले के बाद आतंकियों की तलाश के लिए पहाड़ी इलाकों में एक विशेष सर्च ऑपरेशन शुरु हुआ है। सुरक्षा बल अपने कैंप से जब सर्च ऑपरेशन के लिए निकलते हैं तो उनका मार्ग क्लीयर करने के लिए नई रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) लगाई जा रही हैं। अभी तक ये आरओपी बड़े मार्गों पर ही लगती थी, अब छोटे रास्तों पर भी इनकी तैनाती की जा रही है।

पहाड़ी इलाकों में दो आरओपी के बीच का अंतर भी कम कर दिया गया है। इसके अलावा आईबी के अलर्ट को देखते हुए सेना की ऑपरेशन विंग जो लंबे समय से कश्मीर में आतंकियों का सफाया कर रही है, उसे सीमावर्ती इलाकों में एक खुफिया ऑपरेशन में लगाया जाएगा। कुछ नए सैन्य दस्ते भी कश्मीर में उतारे जा चुके हैं।

सुरक्षा बलों की स्थानीय आवाजाही में कोई बाधा न पहुंचे, इसके लिए अर्धसैनिक बल मोर्चा संभालेंगे। बीएसएफ के पूर्व आईजी विकास चंद्रा, जो कि लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे हैं, उनका कहना है कि मौजूदा समय में कश्मीर के लिए आईबी अलर्ट चिंता का विषय है। नए अर्धसैनिक बलों की तैनाती के कई मायने निकलते हैं। चूंकि कश्मीर के कई जिले पहाड़ियों से घिरे हैं, वहां सर्च ऑपरेशन चलाना है तो सैकड़ों कंपनियां भी कम पड़ जाएंगी।

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